पूर्व भारतीय क्रिकेटर और युवराज सिंह के पिता, योगराज सिंह, अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में, उन्होंने क्रिकेट के उभरते सितारे अर्जुन तेंदुलकर के साथ अपने अनुभव साझा किए, जिससे क्रिकेट जगत में नई चर्चा शुरू हो गई है।
अर्जुन तेंदुलकर, महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के पुत्र, ने रणजी ट्रॉफी में गोवा की ओर से खेलते हुए अपने पदार्पण मैच में शतक जड़ा था। इससे पहले, उन्होंने चंडीगढ़ में योगराज सिंह के साथ 15 दिनों की गहन ट्रेनिंग ली थी। योगराज सिंह ने अर्जुन को सलाह दी थी कि वे “15 दिन के लिए भूल जाओ कि तुम सचिन के बेटे हो”। इसका उद्देश्य था अर्जुन को उनकी खुद की पहचान बनाने में मदद करना, बिना अपने पिता की छवि के दबाव के।
योगराज सिंह की कोचिंग शैली उनकी सख्ती के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने अर्जुन के साथ भी इसी सख्ती से काम किया। उन्होंने बताया कि कई लोगों ने उनसे कहा कि अर्जुन किसी की नहीं सुनते, लेकिन योगराज ने इसे चुनौती के रूप में लिया और अर्जुन को अनुशासन और मेहनत के महत्व को समझाया।
हालांकि, कुछ समय बाद अर्जुन ने योगराज सिंह के साथ ट्रेनिंग जारी नहीं रखी। योगराज सिंह के अनुसार, कुछ लोगों को डर था कि अर्जुन का नाम उनके साथ जुड़ने से विवाद उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कहा, “जब उसने शतक जमाया और फिर वह आईपीएल में भी आया तो लोगों को डर लगने लग गया कि उसका नाम इसके (योगराज) के साथ चिपक जाएगा।
योगराज सिंह ने अर्जुन की प्रतिभा की सराहना करते हुए उन्हें ‘कोयला’ कहा, जिसका अर्थ था कि सही मार्गदर्शन से वह एक चमकदार हीरा बन सकते हैं। उन्होंने कहा, “आपने कोयले की खदान में हीरा देखा है? वो कोयला ही है… निकालो तो पत्थर ही है, किसी तराशगीर के हाथ में डालो तो चमक के दुनिया को कोहिनूर बन जाता है।
अर्जुन तेंदुलकर की यात्रा अभी शुरू ही हुई है, और उनके प्रदर्शन पर सभी की नजरें टिकी हैं। योगराज सिंह जैसे अनुभवी कोच के मार्गदर्शन ने निश्चित रूप से उन्हें एक मजबूत आधार प्रदान किया है। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि अर्जुन अपनी प्रतिभा और मेहनत से क्रिकेट की दुनिया में कितना आगे बढ़ते हैं।