हाल ही में खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे, के केंद्र से आने वाले असामान्य रेडियो संकेतों का पता लगाया है। ये संकेत वर्तमान में ज्ञात किसी भी खगोलीय वस्तु के पैटर्न में फिट नहीं बैठते, जिससे यह संभावना बढ़ती है कि यह किसी नए प्रकार के डार्क मैटर का संकेत हो सकता है।
असामान्य संकेतों की खोज
सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित CSIRO के ASKAP रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग करके इन संकेतों का पता लगाया। इन संकेतों की सबसे विचित्र बात यह है कि इनमें अत्यधिक ध्रुवीकरण (पोलराइजेशन) है, जो पहले कभी नहीं देखा गया। शोधकर्ताओं ने इस अज्ञात स्रोत को ASKAP J173608.2-321635 नाम दिया है।
संकेतों का असामान्य व्यवहार
इन संकेतों का स्रोत अद्भुत था क्योंकि यह पहले अदृश्य था, फिर चमकदार हुआ, धुंधला पड़ा और फिर से दिखाई देने लगा। यह व्यवहार बेहद असाधारण था। 2020 में नौ महीनों के दौरान इस स्रोत से छह रेडियो संकेतों का पता लगाने के बाद, खगोलविदों ने इस वस्तु को खोजने की कोशिश की, लेकिन इसकी उत्पत्ति और प्रकृति को लेकर कई सवाल अभी भी अधूरे हैं।
डार्क मैटर की संभावित भूमिका
डार्क मैटर, जो ब्रह्मांड का लगभग 27% हिस्सा बनाता है, एक रहस्यमय पदार्थ है जो प्रकाश का उत्सर्जन या परावर्तन नहीं करता, जिससे इसे सीधे देखना असंभव होता है। हालांकि, इसका गुरुत्वाकर्षण प्रभाव देखा जा सकता है। इन असामान्य संकेतों का स्रोत डार्क मैटर के नए प्रकार की उपस्थिति का संकेत हो सकता है, जो खगोलविदों के लिए एक महत्वपूर्ण खोज होगी।
भविष्य की दिशा
इन असामान्य संकेतों की खोज खगोल विज्ञान में नए सवाल खड़े करती है और ब्लैक होल के आसपास तारे कैसे टिक सकते हैं और उनका विकास कैसे होता है, इस पर नई जानकारी प्रदान करती है। आगे के अध्ययन इस रहस्यमय खोज पर और रोशनी डाल सकते हैं।
मिल्की वे के केंद्र से आने वाले इन असामान्य संकेतों की खोज ने खगोलविदों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है। यदि यह डार्क मैटर के नए प्रकार का संकेत है, तो यह ब्रह्मांड की हमारी समझ में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। आने वाले समय में इस पर और शोध किया जाएगा, जिससे हमें ब्रह्मांड के रहस्यों को और गहराई से समझने में मदद मिलेगी।