2 अप्रैल, 1986 – यह तारीख विमानन इतिहास में एक भयावह घटना के रूप में दर्ज है, जब अमेरिका की प्रमुख विमानन कंपनी TWA के बोइंग 727 विमान में बम धमाका हुआ था। यह हादसा न केवल यात्री विमानन के लिए एक काला अध्याय बना, बल्कि यह एक बार फिर से यह याद दिलाने का कारण बना कि हवाई यात्रा में रोमांच के साथ-साथ जोखिम भी छिपा हो सकता है।
1986 में हुआ यह भयावह हादसा
चार दशक पहले, 2 अप्रैल 1986 को रोम से एथेंस की उड़ान पर जा रहे बोइंग 727 विमान में एक बम विस्फोट हो गया। विमान में बैठे यात्रियों का रोमांच एक खौ़फनाक हादसे में बदल गया। यह विमान रोम से एथेंस के बीच की यात्रा कर रहा था, जो करीब 1272 किलोमीटर की दूरी है। इस दूरी को ट्रेन से पार करने में करीब 15 घंटे का समय लगता, जबकि विमान इस सफर को मात्र दो से तीन घंटे में पूरा कर सकता था। इस कारण उस समय की अधिकांश उड़ानें भरी हुई थीं।
बम धमाके ने कर दिया बड़ा नुकसान
विमान अपनी सामान्य उड़ान भर चुका था और करीब 15,000 फीट की ऊँचाई पर था। उसी दौरान, स्थानीय समय अनुसार 02:32 पर विमान के एक सीट के नीचे रखा बम फट गया। धमाके के बाद विमान में तीन से चार फीट का बड़ा छेद हो गया। इस भयानक विस्फोट के कारण चार अमेरिकी नागरिक विमान के बाहर गिर गए, जिनमें एक आठ माह की बच्ची भी शामिल थी। यह दृश्य हर किसी के लिए अत्यंत भयावह था, और यात्रियों के बीच दहशत फैल गई।
पायलट की साहसिकता ने बचाई यात्रियों की जान
इतनी भयानक स्थिति के बावजूद, विमान के पायलट ने जबरदस्त साहस का परिचय दिया। बम धमाके के बाद किसी को भी जीवित बचने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन पायलट ने अपनी सूझबूझ और कड़ी मेहनत से विमान की सेफ लैंडिंग कराई। एथेंस एयरपोर्ट के नजदीक पहुँचने पर पायलट ने विमान को पूरी सावधानी से उतारते हुए 118 यात्रियों की जान बचाई। यह घटना यह दिखाती है कि संकट के समय में एक प्रशिक्षित और अनुभवी पायलट किस तरह से स्थिति को नियंत्रण में ला सकता है।
लिबिया के खिलाफ अमेरिकी बमबारी का बदला
इस बम धमाके की जिम्मेदारी अरब रेवोल्यूशनरी सेल्स की एजेदीन कासम यूनिट ने ली थी। इस धमाके को लिबिया के खिलाफ अमेरिकी बमबारी का बदला माना गया। यह घटना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तनाव का कारण बनी और कई देशों के बीच राजनीतिक संकट को जन्म दिया।
विमानन इतिहास का काला दिन
यह घटना न केवल यात्रियों के लिए बल्कि पूरी विमानन दुनिया के लिए एक काले अध्याय के रूप में याद रखी जाती है। जब भी हम हवाई यात्रा के रोमांच की बात करते हैं, यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हवाई यात्रा में सुरक्षा के उपायों का कितना महत्व है। इस हादसे ने विमान सुरक्षा को लेकर नए मानक तय किए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कठोर कदम उठाए गए।
1986 में हुआ यह बम धमाका एक भयावह घटना थी, जिसने न केवल यात्रियों की जान को खतरे में डाला, बल्कि विमानन सुरक्षा के मामले में महत्वपूर्ण बदलावों की आवश्यकता को भी उजागर किया। इस घटना के बाद से आज तक विमानन उद्योग ने सुरक्षा के कई कड़े उपाय किए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न घटें।