प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड रवाना होने से पहले एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग संगठन) के केंद्र में है, और इस क्षेत्र में भारतीय राज्यों की प्रमुखता को रेखांकित किया। पीएम मोदी का यह बयान बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस द्वारा चीन में दिए गए बयान के संदर्भ में आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के ‘सात बहनें’ (पूर्वोत्तर राज्य) समुद्र से घिरे हुए हैं और उन्हें समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।
बांग्लादेश के बयान पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
पीएम मोदी का बयान सीधे तौर पर बांग्लादेश के बयान को चुनौती देता दिखा, जिसमें यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की भौगोलिक स्थिति पर सवाल उठाया था। प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन के दौरान इस क्षेत्र की रणनीतिक महत्वता को उजागर करते हुए इसे भारत के लिए एक कनेक्टिविटी हब के रूप में वर्णित किया। उनका कहना था कि इस क्षेत्र की अहमियत बढ़ रही है, और भारत इसको एक कनेक्टिविटी हब के रूप में विकसित करने के लिए लगातार काम कर रहा है।
बांग्लादेश और भारत के बीच संभावित द्विपक्षीय मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच इस शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, बांग्लादेश ने इस बैठक के लिए अनुरोध किया है, जो सम्मेलन के बाद शुक्रवार दोपहर को हो सकती है। यह बैठक खास होगी क्योंकि अगस्त 2025 में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के कार्यभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होगी।
पूर्वोत्तर भारत का कनेक्टिविटी हब बनना
इस शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पूर्वोत्तर भारत की अहमियत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग के पूरा होने से यह क्षेत्र अब प्रशांत महासागर तक जुड़ जाएगा। इसके अलावा, बिम्सटेक क्षेत्र में पूर्वोत्तर को एक कनेक्टिविटी हब के रूप में विकसित करने के भारत के प्रयासों को बल मिलेगा। यह क्षेत्र अब न केवल भारत, बल्कि पूरे बिम्सटेक क्षेत्र के लिए एक सामरिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान बन जाएगा।
बांग्लादेश के स्पष्टीकरण से स्थिति साफ़
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि उनकी टिप्पणी ‘ईमानदार इरादों’ से की गई थी, लेकिन इसे गलत समझा गया। यूनुस का कहना था कि वह चीन में बोल रहे थे और बीजिंग को बांग्लादेश की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाने का निमंत्रण दे रहे थे, जिससे भारत में इस बयान को लेकर असहमति पैदा हुई।
भारत-बांग्लादेश के रिश्ते और चिंताएँ
प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर मोहम्मद यूनुस को पत्र लिखकर बधाई दी थी और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया था। हालांकि, भारत बांग्लादेश में बढ़ते कट्टरपंथ और अल्पसंख्यकों के लिए उत्पन्न हो रहे खतरे को लेकर चिंतित है, जिसे वह अपनी सुरक्षा और हितों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानता है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान और बांग्लादेश के कार्यालय का स्पष्टीकरण दोनों देशों के बीच संवाद को जारी रखने के महत्व को दिखाता है।