Vaibhav Suryavanshi: आजकल बच्चे जंक फूड, मोबाइल और आलसी लाइफस्टाइल के कारण मोटापे के शिकार हो रहे हैं, लेकिन एक 14 साल का बच्चा—वैभव सूर्यवंशी—इस ट्रेंड को तोड़ रहा है। वैभव की फिटनेस जर्नी ना सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि हर उस माता-पिता और बच्चे के लिए एक आइना है जो स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर रहे हैं।
वैभव का वजन तेजी से बढ़ रहा था, और उनके माता-पिता इस बात को लेकर बहुत चिंतित थे। डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने वैभव की डाइट और दिनचर्या में बड़ा बदलाव किया। उन्होंने बताया कि वैभव ने खुद से कोल्ड ड्रिंक्स, पिज़्ज़ा, बर्गर, आलू के चिप्स जैसी चीजों को छोड़ दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने समय पर सोना, उठना और एक्सरसाइज करना भी शुरू कर दिया।
उनके पिता ने एक इंटरव्यू में बताया कि वैभव ने कुछ भी जबरदस्ती नहीं किया, बल्कि उन्होंने खुद इस बदलाव को स्वीकार किया। डेडिकेशन, डिसिप्लिन और डाइट—ये तीनों डी उनके बदलाव की कुंजी बन गए।
वैभव के इस सफर से यह बात साफ हो जाती है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। अगर एक 14 साल का बच्चा अपने शरीर को लेकर इतना सजग हो सकता है, तो बाकी लोगों के लिए ये किसी सबक से कम नहीं।
आज वैभव सिर्फ फिट ही नहीं हैं, बल्कि वो दूसरों के लिए इंस्पिरेशन बन चुके हैं। कई स्पोर्ट्स क्लब और कोचेज भी अब उन्हें गाइड कर रहे हैं ताकि वो फिजिकली और मेंटली दोनों रूप से मजबूत बन सकें।
इस जर्नी में सबसे अहम रोल रहा उनके परिवार का। उनके पिता ने न सिर्फ मोटिवेट किया, बल्कि खुद भी उनके साथ वॉक पर जाना शुरू किया, हेल्दी खाना खाया और स्क्रीन टाइम को कम करने में मदद की।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि असली बदलाव तब आता है जब खुद से किया जाए। वैभव की तरह हर बच्चा अगर ठान ले तो वो ना सिर्फ फिट बन सकता है, बल्कि एक रोल मॉडल भी।