दुनिया के सबसे महान शतरंज खिलाड़ियों में गिने जाने वाले गैरी कास्पारोव सिर्फ खेल के माहिर नहीं, बल्कि राजनीति और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर भी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बयान दिया है, जिसने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है।
कास्पारोव ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को “एक जोकर” कहा और साथ ही चेतावनी दी कि भारत को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अत्यधिक नजदीकी से बचना चाहिए। उनका मानना है कि पुतिन एक खतरनाक नेता हैं, जिनके साथ लंबे समय तक करीबी संबंध भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि और रणनीतिक हितों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
कास्पारोव, जो खुद रूस में पुतिन के सख्त आलोचक रहे हैं, ने कहा कि पुतिन की नीतियाँ लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए खतरा हैं। उनका मानना है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश को ऐसे नेता से दूरी बनाकर रखना चाहिए, जिसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान अधिनायकवादी और आक्रामक नीतियों के लिए है।
भारत और रूस के रिश्ते दशकों पुराने हैं, खासकर रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में। लेकिन मौजूदा वैश्विक हालात में पश्चिमी देश रूस पर कठोर प्रतिबंध लगा चुके हैं और यूक्रेन युद्ध ने पुतिन की छवि को और विवादास्पद बना दिया है। ऐसे में कास्पारोव का यह बयान भारत के लिए एक रणनीतिक चेतावनी माना जा रहा है।
कास्पारोव ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का भविष्य एक वैश्विक लोकतांत्रिक नेता के रूप में है और इसके लिए जरूरी है कि वह उन देशों के साथ तालमेल बढ़ाए जो लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हैं। उन्होंने यह सुझाव दिया कि भारत को अपनी विदेश नीति में संतुलन बनाते हुए पुतिन से अत्यधिक निकटता के बजाय बहु-आयामी रणनीतिक साझेदारी पर जोर देना चाहिए।
गैरी कास्पारोव का यह बयान भारत के लिए सोचने का एक मौका है। जहां एक ओर रूस के साथ ऐतिहासिक संबंधों को नकारा नहीं जा सकता, वहीं अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बदलते समीकरण भारत को सावधानी और दूरदर्शिता के साथ कदम बढ़ाने की आवश्यकता का संकेत देते हैं।