इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में संपन्न पांच टेस्ट मैचों की सीरिज़ में भारतीय क्रिकेट टीम ने अनुभव और युवा जोश का बेहतरीन मिश्रण दिखाया — जहां कप्तान शुबमन गिल की शतकीय पारियां थीर दृढ़ निश्चय की मिसाल रहीं, वहीं 31-साल के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने अपनी क़ीमती गेंदबाज़ी से टीम को मेंटल शक्ति दी।
क्रिकेट के महान ऑल-राउंडर और 1983 विश्व विजेता कप्तान कपिल देव ने सिराज को “वास्तविक हीरो” करार देते हुए कहा:
“सिराज ने कुछ अजीब करने की कोशिश नहीं की, बस सही जगह गेंद डाली और सफलता ने पीछे पीछे कदम बढ़ाए…”
सिराज ने पूरे सीरिज़ में सभी पांच टेस्ट खेले और जब बुमराह उपलब्ध नहीं थे, तब सामने के सभी बल्लेबाज़ों पर नियंत्रण बनाकर 185.3 ओवर गेंदबाज़ी की । उन्होंने 23 विकेट लिए, जिसमें दो 5-विकेट हॉल भी शामिल हैं । ख़ासकर फाइनल टेस्ट में उन्होंने इंग्लैंड को छह रनों से रोमांचक तरीके से हराकर सीरिज़ बराबरी कराई — यही भारत का दूसरा लगातार इंग्लैंड में 2-2 ड्रॉ रहा ।
इस नज़ारे को “SUPERMEN from INDIA” कहा गया, जहाँ सचिन तेंदुलकर ने टीम को 10/10 का ग्रेड देते हुए तारीफ की। वहीं, बिज़नेस टायकून आनंद महिंद्रा ने कहा कि आधिकारिक तौर पर ड्रॉ सही है, लेकिन भारतीय टीम की लचीलेपन और जुझारूपन के मायने में यह एक नैतिक जीत से कम नहीं ।
इस सीरिज़ ने युवाओं के लिए प्रेरणा का संदेश भी भेजा — कि जब हुनर, साहस और टीम भावना मिल जाए, तो आप बड़े से बड़े मुकाबले में भी बाज़ी मार सकते हैं।




