हम हर दिन जो देखते हैं — तारे, ग्रह, गैलेक्सियाँ — वह ब्रह्मांड का मात्र 5% हिस्सा है। बाकी का हिस्सा डार्क एनर्जी और डार्क मैटर से बना है। डार्क एनर्जी ब्रह्मांड के विस्तार के लिए जिम्मेदार है, जबकि डार्क मैटर एक अदृश्य, रहस्यमय पदार्थ है जो न तो प्रकाश उत्सर्जित करता है और न ही उसे परावर्तित करता है।
समस्या यह है:
दशकों की खोज के बावजूद वैज्ञानिक अब तक डार्क मैटर को सीधे तौर पर खोज नहीं पाए हैं। इसके अस्तित्व का सबूत हमें केवल इसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से मिलता है। जब खगोलविदों ने देखा कि गैलेक्सियाँ अपनी तारों को जितनी तेजी से घुमा रही हैं, उतना तो केवल दृश्यमान पदार्थ के गुरुत्वाकर्षण से संभव ही नहीं था — तभी यह विचार आया कि वहाँ कोई अदृश्य पदार्थ मौजूद है।
खोज की दिशा:
1950 और 60 के दशक में खगोल वैज्ञानिक वेरा रुबिन और अन्य शोधकर्ताओं ने गैलेक्सी रोटेशन कर्व्स का अध्ययन किया और पाया कि अदृश्य पदार्थ मौजूद होना चाहिए। यही डार्क मैटर का पहला बड़ा संकेत था। तब से लेकर आज तक, वैज्ञानिक पृथ्वी के गहरे भूमिगत प्रयोगशालाओं में, अंतरिक्ष में भेजे गए डिटेक्टर्स में और पार्टिकल एक्सेलेरेटर जैसे CERN में इसकी खोज में लगे हुए हैं।
क्यों मुश्किल है खोज?
डार्क मैटर न तो प्रकाश से इंटरैक्ट करता है, न ही किसी ज्ञात विद्युतचुंबकीय तरंग से। यह केवल गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से ही प्रभाव डालता है। इसका मतलब है कि इसे सीधे देखना लगभग असंभव है। वैज्ञानिक केवल इसके प्रभाव से अनुमान लगाते हैं कि यह मौजूद है।
संभावित उम्मीदवार:
- WIMPs (Weakly Interacting Massive Particles) — यह सबसे प्रमुख उम्मीदवार माने जाते हैं।
- Axions — बहुत हल्के और विचित्र प्रकार के कण।
- Sterile Neutrinos — न्यूट्रिनो का एक विशेष प्रकार जो सामान्य पदार्थ से इंटरैक्ट नहीं करता।
अब तक की खोज:
दुनिया की सबसे संवेदनशील डिटेक्शन प्रयोगशालाएँ, जैसे LUX-ZEPLIN (LZ), XENONnT, और PandaX, लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई पुख्ता सबूत हाथ नहीं आया है।
भविष्य की दिशा:
वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर हम डार्क मैटर को समझ लें, तो हम ब्रह्मांड की संरचना, विकास और यहां तक कि इसकी अंतिम नियति के बारे में भी बेहतर समझ पा सकेंगे। कई नई तकनीकें, जैसे क्वांटम सेंसर और अगली पीढ़ी के स्पेस टेलीस्कोप, इस खोज को और आगे बढ़ा सकती हैं।
डार्क मैटर विज्ञान की सबसे रहस्यमय पहेलियों में से एक है। यह अदृश्य है, लेकिन इसका प्रभाव इतना विशाल है कि पूरे ब्रह्मांड को आकार देने में इसकी अहम भूमिका है। सवाल यह नहीं है कि डार्क मैटर है या नहीं, बल्कि यह है कि आखिर यह है क्या और हम इसे कब खोज पाएंगे?