भारतीय क्रिकेट के स्टार तेज गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह सिर्फ उनकी गेंदबाज़ी नहीं बल्कि एक विवादास्पद फैसला है। हाल ही में एक मुकाबले के दौरान बुमराह की एक गेंद पर लिया गया विकेट “मैच का टर्निंग पॉइंट” बन गया, लेकिन साथ ही इसने क्रिकेट की दुनिया में नई बहस भी छेड़ दी।
यह घटना तब हुई जब विपक्षी बल्लेबाज एक शानदार लय में खेल रहा था। बुमराह ने अपनी ट्रेडमार्क यॉर्कर फेंकी, जो सीधे बल्लेबाज के पैड से टकराई। मैदान पर मौजूद अंपायर ने बिना ज्यादा सोच-विचार के बल्लेबाज को आउट करार दे दिया। इसके तुरंत बाद मामला टीवी अंपायर के पास गया, जहां रीप्ले और तकनीकी जांच के बाद भी फैसला “आउट” ही रहा।
लेकिन असली विवाद तब शुरू हुआ जब कमेंट्री बॉक्स में बैठे पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने इस फैसले पर सवाल उठाए। उनका मानना था कि गेंद “अंपायर्स कॉल” की श्रेणी में आती है और इसे नॉट-आउट दिया जाना चाहिए था। कुछ विशेषज्ञों ने स्लो-मोशन रिप्ले का हवाला देते हुए कहा कि गेंद ऑफ-स्टंप को पूरी तरह हिट नहीं कर रही थी।
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा आग की तरह फैल गया। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फैंस दो हिस्सों में बंट गए। एक तरफ बुमराह के समर्थक फैसले को सही बता रहे थे, तो दूसरी ओर कुछ क्रिकेट प्रेमी इसे “अंपायरिंग की विफलता” करार दे रहे थे। “#BumrahControversy” और “#UmpireCall” जैसे हैशटैग्स ट्रेंड करने लगे।
इस विवाद ने एक बार फिर क्रिकेट में टेक्नोलॉजी की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डीआरएस (DRS), हॉक-आई और अल्ट्रा-एज जैसी तकनीकें खेल को ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए लाई गई थीं, लेकिन इस तरह के विवाद यह दिखाते हैं कि तकनीक के बावजूद मानवीय व्याख्या की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।
हालांकि, इस पूरे विवाद के बीच एक बात साफ है — जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन किसी भी तरह से कमतर नहीं रहा। उन्होंने दबाव की स्थिति में टीम के लिए महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। उनके प्रशंसकों का कहना है कि एक गेंद पर उठे विवाद से उनके करियर की महानता को आंका नहीं जा सकता।
कुल मिलाकर, बुमराह की इस ऐतिहासिक विकेट ने क्रिकेट प्रेमियों को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं और बहसों का त्योहार है। आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं अंपायरिंग सिस्टम में और सुधार की दिशा में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

