S Jaishankar Net Worth—यह सवाल आज इंटरनेट पर खूब सर्च किया जा रहा है। कूटनीति के क्षेत्र में भारत का चेहरा बन चुके डॉ. एस. जयशंकर सिर्फ एक राजनेता नहीं हैं, बल्कि भारत की वैश्विक छवि को नये आयाम देने वाले रणनीतिकार भी हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी कुल संपत्ति कितनी है और उन्होंने यह मुकाम कैसे हासिल किया?
पढ़ाई से शुरुआत तक
डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से राजनीति विज्ञान में एम.ए. और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की। उनकी गहरी समझ और दृष्टिकोण ने उन्हें भारतीय विदेश सेवा (IFS) के लिए चुना।
डिप्लोमैसी से लेकर राजनीति तक
जयशंकर जी ने भारत के विदेश सचिव के रूप में भी काम किया और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 में कैबिनेट मंत्री बने। वे अमेरिका, चीन, रूस जैसे महाशक्तियों के साथ भारत के रिश्तों को नयी ऊँचाई पर ले जाने में सफल रहे हैं।
S Jaishankar Net Worth कितनी है?
अब आते हैं असली सवाल पर: S Jaishankar Net Worth। सरकारी दस्तावेजों और लोकसभा चुनाव के नामांकन पत्रों के अनुसार, डॉ. एस. जयशंकर की कुल संपत्ति (नेट वर्थ) लगभग 15-20 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस संपत्ति में उनके दिल्ली और चेन्नई में स्थित अचल संपत्तियां, बैंक डिपॉजिट, शेयर निवेश और रिटायरमेंट फंड शामिल हैं।
वह एक रिटायर्ड IFS अधिकारी भी हैं, जिनकी सेवाओं का अनुभव उन्हें पेंशन और अन्य लाभ प्रदान करता है। साथ ही, वर्तमान में एक केंद्रीय मंत्री होने के कारण उन्हें सरकार से वेतन और अन्य भत्ते भी मिलते हैं।
संपत्ति का विवरण (संभावित आंकड़े)
- अचल संपत्ति: ~ 5-7 करोड़ रुपये
- चल संपत्ति (बैंक बैलेंस, निवेश आदि): ~ 8-10 करोड़ रुपये
- वार्षिक आय: ~ 30-40 लाख रुपये (सरकारी वेतन, पेंशन, निवेश से लाभ)
ध्यान दें: उपरोक्त आंकड़े अनुमान पर आधारित हैं और अलग-अलग स्रोतों के अनुसार बदल सकते हैं।
क्यों है उनकी नेट वर्थ चर्चा में?
S Jaishankar Net Worth इसलिए भी आकर्षण का विषय बनती है क्योंकि वे राजनीति में अपेक्षाकृत नए हैं, लेकिन उनका प्रभाव और छवि बहुत बड़ी है। लोग जानना चाहते हैं कि एक विदेश नीति के आर्किटेक्ट की निजी जिंदगी और आर्थिक स्थिति कैसी है।
S Jaishankar Net Worth सिर्फ धन का आंकड़ा नहीं, बल्कि उस समर्पण, ज्ञान और ईमानदारी की कहानी है, जो एक अधिकारी से मंत्री बनने के सफर में दिखाई देती है। भारत की विदेश नीति के इस स्तंभ को जानना और समझना, आज के हर जागरूक नागरिक के लिए जरूरी है।