भारत के लिए गर्व का क्षण आने वाला है, जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे। वह Axiom Mission 4 (Ax-4) का हिस्सा होंगे, जिसे मई 2025 में नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।
शुभांशु शुक्ला: एक परिचय
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जन्मे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी परीक्षण पायलट हैं। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से इंजीनियरिंग में स्नातक किया और बाद में भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की। वह भारत के गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं।
Ax-4 मिशन और उसकी टीम
Ax-4 मिशन का नेतृत्व पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन करेंगी। शुभांशु शुक्ला इस मिशन में स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान के पायलट के रूप में कार्य करेंगे। उनके साथ पोलैंड के स्लावोस उज़नान्स्की-विस्नेवस्की और हंगरी के टिबोर कापू मिशन विशेषज्ञ के रूप में शामिल होंगे।
मिशन के उद्देश्य
यह 14 से 21 दिनों का मिशन होगा, जिसमें वैज्ञानिक प्रयोग, शैक्षिक कार्यक्रम और व्यावसायिक गतिविधियाँ शामिल होंगी। शुभांशु शुक्ला इस दौरान भारत की संस्कृति को अंतरिक्ष में प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न भारतीय राज्यों से जुड़ी कलाकृतियाँ लेकर जाएंगे और अंतरिक्ष में योग करने का भी प्रयास करेंगे।
भारत के लिए महत्व
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती क्षमताओं और वैश्विक सहयोग को दर्शाता है। इससे पहले, 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने थे। शुक्ला का यह मिशन न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का भी प्रतीक है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगी और देश के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।