भारत की रक्षा क्षमताओं को लेकर एक नई रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) और KPMG द्वारा जारी एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रक्षा बजट वर्ष 2047 तक पांच गुना बढ़ सकता है। यदि यह अनुमान सटीक साबित होता है, तो भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रक्षा खर्च करने वाला देश बन जाएगा।
रक्षा बजट में ऐतिहासिक वृद्धि की संभावना
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का मौजूदा रक्षा बजट लगभग 75 अरब डॉलर के आसपास है। यदि यह पांच गुना बढ़ता है, तो यह 2047 तक लगभग 375 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है। यह वृद्धि न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि देश को वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी।
‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भरता को मिलेगा बल
इस अनुमानित वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर केंद्रित होगा। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के तहत भारत पहले ही कई रक्षा उपकरणों और हथियार प्रणालियों का घरेलू निर्माण शुरू कर चुका है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत आने वाले वर्षों में रक्षा निर्यात में भी बड़ी छलांग लगा सकता है।
रक्षा क्षेत्र में निजी निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन
CII-KPMG रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने से रक्षा उत्पादन में नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बल मिलेगा। इससे न केवल घरेलू जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि भारत वैश्विक रक्षा बाजार में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकेगा।
रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण
2047 भारत की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ होगी। ऐसे में यह अनुमान केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत और आधुनिक सैन्य बल की आवश्यकता होगी, और यह बजट वृद्धि उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
CII-KPMG की यह रिपोर्ट भारत के रक्षा क्षेत्र के भविष्य की एक झलक देती है—एक ऐसा भविष्य जहाँ भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि वैश्विक सुरक्षा में भी एक निर्णायक भूमिका निभाएगा। यदि यह अनुमान साकार होता है, तो भारत न केवल आर्थिक महाशक्ति बनेगा, बल्कि सैन्य दृष्टि से भी विश्व मंच पर अग्रणी स्थान प्राप्त करेगा।