विश्व आर्थिक मंच (WEF) के अध्यक्ष बोरगे ब्रेंडे ने एक ऐसी घोषणा की है, जिसने हर भारतीय के मन में गर्व और उत्साह की लहर दौड़ा दी है। उन्होंने कहा है कि भारत 2025 के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है – और यह सिर्फ एक अनुमान नहीं, बल्कि एक संभावित सच्चाई है जो हमारे सामने आकार ले रही है।
आज भारत न केवल तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है, बल्कि नवाचार, तकनीक, डिजिटल परिवर्तन और युवा जनसंख्या के दम पर दुनिया को नई दिशा देने में सक्षम बन चुका है। ब्रेंडे के अनुसार, भारत की यह यात्रा केवल GDP के आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की आत्मनिर्भरता, उद्यमिता, और वैश्विक नेतृत्व की क्षमता को भी दर्शाती है।
अर्थव्यवस्था की मजबूती के 5 मुख्य स्तंभ:
- डिजिटल क्रांति: UPI, डिजिटल पेमेंट्स और स्टार्टअप्स की दुनिया में भारत एक फ्रंट-रनर बन चुका है।
- विनिर्माण और निर्यात: ‘मेक इन इंडिया’ और PLI योजनाओं के चलते भारत का विनिर्माण सेक्टर वैश्विक कंपनियों को आकर्षित कर रहा है।
- युवा शक्ति: भारत की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा युवाओं का है, जो तकनीकी दक्षता और नवाचार का प्रतीक हैं।
- सशक्त नेतृत्व: आर्थिक सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज़ोर और ग्लोबल डिप्लोमेसी ने भारत को एक भरोसेमंद भागीदार बना दिया है।
- ग्रीन ग्रोथ और सतत विकास: भारत क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर भी वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिबद्धता दिखा रहा है।
क्यों है यह भविष्यवाणी खास?
WEF कोई आम संस्थान नहीं है – यह वैश्विक नीति निर्धारकों और उद्योगपतियों का एक ऐसा मंच है जो आर्थिक दिशा तय करता है। बोरगे ब्रेंडे की यह टिप्पणी विश्व मंच पर भारत की विश्वसनीयता और क्षमता को दर्शाती है।
अगर भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनता है, तो वह जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा। यह केवल एक आर्थिक छलांग नहीं होगी, बल्कि यह देश के आत्मबल, नीति, और सामूहिक प्रयासों की जीत होगी।
अब वक्त है विश्वास करने का, आत्मनिर्भर बनने का, और इस नई आर्थिक क्रांति का हिस्सा बनने का। भारत केवल एक देश नहीं, बल्कि अब एक ग्लोबल इंजन बन चुका है जो आने वाले दशकों में दुनिया की दिशा तय करेगा।